ek khalal Hindi poetry on sentiments

by | Apr 12, 2022 | SENTIMENTS | 0 comments

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एक खलल हिंदी कविता

सारांश – जीवन किसी का भी मुकम्मल नहीं है चाहे वो राजा हो या रंकl हर किसी की ज़िन्दगी में कुछ न कुछ कमी /खलिश है और वो खलिश हमेशा आपके साथ चलती है, आपकी तन्हाईओं पे भी l उसी पर आधारित एक छोटी सी कविता ” एक खलल ”

कौन कहता है कि मैं अकेला रहता हूँ

एक खलल हमेशा मेरे साथ रहती है l

खामोश सी पलती है मेरे भीतर,

उसकी दखल हर वख्त आवाज़ देती है l

जाने कुछ तो खलिश है उसके न होने से ,

उसकी नकल की अब भी मुझे तलाश रहती है l

काश और क्यों पे ज़िन्दगी गुज़ार तो देते

पर अब अकल मुझे कस के फटकार देती है l

बहला लिया हमने खुद को लिखने का शौक पाल कर,

यादों के असल से तो मर के ही निज़ाद मिलती है l

अर्चना की रचना ” सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास “

https://archanakirachna.com/tumahra-intazar-hindi-poetry-on-hope/

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