जीवन पर आधारित प्रेरक कविता
हासिल
कभी – कभी बिन माँगें बहुत कुछ मिल जाता है
और कभी माँगा हुआ दरवाज़े पे दस्तक दे लौट जाता है
शायद इसी को ज़िन्दगी कहते हैं
सब्र का दामन थाम कर यहाँ हर कोई यूं ही जिये जाता है …
मिले न मिले ये मुकद्दर उसका
फिर भी कोशिश करना फ़र्ज़ है सबका
आगे उसकी रज़ा कि किसको क्या हासिल हो पाता है …
कभी – कभी सब्र भी बेहाल हो दम तोड़ देता है
खुद फ़ना हो जाता है कोई , और कोई उस चाह से मूँह मोड़ लेता है
बहुत सख्त मिट्टी से बना होगा वो शायद , जो
रोज़ हसरतें कुरेद कर जिये जाता है ……….
अर्चना की रचना ” सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास ”
Chhal A inspirational Hindi poetry based on life and love
Archana ki Rachna Inspirational Hindi poetry Collection
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