Ishq ka razinama A satire on love

by | Jan 9, 2020 | INSPIRATIONAL, LOVE, SATIRE | 1 comment

Hindi poetry satire on love - इश्क का राज़ीनामा
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प्रेम पर आधारित एक व्यंग्य 

इश्क का राज़ीनामा

काश इश्क करने से पहले भी
एक राज़ीनामा ज़रूरी हो जाये
जो कोई तोड़े तो हो ऐसा जुर्माना
जो सबकी जेबों पर भारी  हो जाये
 
फिर देखो बेवज़ह दिल न फिसला करेंगे
इश्क की गलियों से बच- बच निकला करेंगे
वो ही पड़ेगा इसके चक्करों में,
जो सारी शर्तों को राज़ी हो जाये
 
कोई मनचला किसी कॉलेज के बाहर न दिखेगा
कोई दिल बहलाने को कुछ यूं ही न कहेगा
जिसे निभाना उसकी हैसियत से बाहर हो जाये
 
भटके है जो बच्चे छोटी सी उम्र में
दूध के दांत टूटे नहीं ,चल दिए इश्क की डगर में
18 की उम्र के नीचे सबकी अर्जी खारिज़ हो जाये
 
जानती हूँ ऐसा हो न पायेगा
पर इस से बहुत लोगो का जीवन सुधर जायेगा
इश्क बहुत कीमती है कही यूं ही सस्ता न हो जाये
काश इश्क करने से पहले भी एक राज़ीनामा ज़रूरी हो जाये
काश  एक ऐसा सुझाव जन हित में जारी हो जाये….
 
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”
और पढ़ें:- 
 

1 Comment

  1. ???बहुत ही मनमोहक और हृदयस्पर्शी प्रेषण हेतु हृदय से आभार एवं सादर नमन आदरणीया जी।????

    ??शुभ सँध्या आदरणीया अर्चना महोदया जी ??

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