Karam A Inspirational Hindi poetry based on love

by | Jan 17, 2020 | INSPIRATIONAL, LOVE, SENTIMENTS | 0 comments

Hindi inspirational poetry based on love - करम
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प्रेम पर आधारित प्रेरक हिंदी कविता 

करम 

मेरे महबूब का करम मुझ पर
जिसने मुझे, मुझसे मिलवाया है
नहीं तो, भटकता रहता उम्र भर यूं ही
मुझे उनके सिवा कुछ भी न नज़र आया है
 
लोग इश्क में डूब कर
फ़ना हो जाते हैं
पर मैंने डूब करअपनी मंजिलों
को रु ब रु पाया है
मेरे महबूब का करम मुझ पर
जिसने मुझे मुझसे मिलवाया है
 
कब तक हाथ थामे चलते रहने
की बुरी आदत बनाये रखते
क्योंकि इस आदत के लग जाने पर
कोई फिर,खुद पर यकीन न कर पाया है
मेरे महबूब का करम मुझ पर
जिसने मुझे मुझसे मिलवाया है
 
मेरा होना और खोना समझ सकेंगे
वो भी एक दिन
जब उनका ही किरदार लिए कोई
उनसे वैसे ही पेश आया है
मेरे महबूब का करम मुझ पर
जिसने मुझे मुझसे मिलवाया है
 
जब वो पास थे तो खुश था बहुत
अब मैंने खुद को और भी
खुश पाया है
क्योंकि, जो होता है अच्छे के लिए होता है
ये मैंने सिर्फ सुना नहीं , खुद पर असर होता पाया है
मेरे महबूब का करम मुझ पर
जिसने मुझे मुझसे मिलवाया है
 
मेरे महबूब का करम मुझ पर
जिसने मुझे मुझसे मिलवाया है
नहीं तो, भटकता रहता उम्र भर यूं ही
मुझे उनके सिवा कुछ भी न नज़र आया है
 
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”
 
और पढ़ें:-

 

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