mera shringar tumse A Hindi poetry based on sentiments in love

by | Jan 20, 2020 | LOVE, SENTIMENTS | 0 comments

Hindi love poetry based on sentiments- मेरा श्रृंगार तुमसे
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प्रेम में स्त्री की भावना को दर्शाती हिंदी कविता 

मेरा श्रृंगार तुमसे 

दर्पण के सामने खड़ी होकर, जब भी खुद को सँवारती हूँ
उस दर्पण में तुमको साथ देख,अचरज में पड़ जाती हूँ
 
शरमाकर कजरारी नज़रें नीचे झुक जाती हैं
पर कनखियों से तुमको ही देखा करती हैं
यूं आँखों ही आँखों में पूछ लेती है इशारों में
बताओ कैसी लग रही हूँ इस बिंदिया के सितारों में
मेरी टेढ़ी बिंदी सीधी कर तुम जब अपना प्यार जताते हो
उस पल तुम अपने स्पर्श से, मुझसे मुझको चुरा ले जाते हो
ये पायल चूड़ी झुमके कंगन, सब देते हैं मुझे तुम्हारी संगत
इनकी खनकती आवाजों में, सिर्फ तुम्हारा नाम पाती हूँ
दर्पण के सामने खड़ी होकर, जब भी खुद को सँवारती हूँ
 
ये सच है, पहरों दर्पण के सामने बिता कर ,सिर्फ तुमको रिझाना चाहती हूँ
तुम मेरे लिए सबसे पहले हो ,तुमको बताना चाहती हूँ
कहने को ये श्रृंगार है मेरा, पर सही मानों में प्यार ओढ़ रखा है तेरा
जिसे मैं हर बला की नज़र से बचा कर,अपने पल्लू से बांधे रखना चाहती हूँ
अपनी प्रीत हर रोज़ यूं ही सजा कर, तुम्हें सिर्फ अपना ख्याल देना चाहती हूँ
दर्पण के सामने खड़ी होकर, जब भी खुद को सँवारती हूँ
उस दर्पण में तुमको साथ देख,अचरज में पड़ जाती हूँ
 
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”
और पढ़ें :- 

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