Punarvichar- Hindi motivational poetry

by | Dec 10, 2019 | INSPIRATIONAL, LIFE | 0 comments

जीवन पर आधारित हिंदी प्रेरक कविता

पुनर्विचार 

क्या कोई  अपने जीवन  से
किसी और के कारण
रूठ जाता है ?
के उसका नियंत्रण खुद अपने जीवन
से झूट जाता है?

हां  जब रखते हो,
तुम उम्मीद किसी
और से,
अपने सपने को साकार करने की
तो वो अक्सर टूट जाता है

जब भरोसा करते हो किसी पे
उसे अपना जान कर,
खसक जाती है
पैरों तले  ज़मीन भी
जब वो “अपना”
अपनी मतलबपरस्ती में
तुम्हे भूल जाता है

तुम आज मायूस हो,
उसकी वजह
कोई और नहीं तुम हो,
सौंपी थी डोर खुद अपने
जीवन की उसके हाथों में,
उसकी क्या गलती अगर
उसके हाथों से वो छूट जाता है

भावनाओ में बहो
पर खुद पर संयम रखो,
उदार बनो
पर कुछ  बंधन रखो
लोगों को शामिल करो
अपने जीवन में
पर अपने जीवन पर
खुद नियंत्रण रखो
फिर देखो, दे के वास्ता कोई
प्यार का,  दोस्ती का , फ़र्ज़ का
क्या तुम्हे लूट पाता  है ??

खुद के बारे में सोचना
कोई पाप नहीं
जीवन मिला है एक
उसका ये अंत नहीं
करो प्रयास  फिर से
एक बार गिरे तो  क्या  हुआ?
अपने जीवन पर
पुनर्विचार करो
ले कर सबक पिछली गलती से
एक नए कल का आगाज़ करो,
हर जीवन का एक अभिप्राय है
उसे यूं व्यर्थ मत करो,
क्या पता इन्ही रास्तों पे
चल कर तुम्हारी मंज़िल लिखी हो?
जो तुम्हारे  दर से सिर्फ
कुछ दूर खड़ी  हो
और तू ख़्वाह म ख़्वाह ही
किसी और के कारण
अपने जीवन से
रूठ जाता है…..

अर्चना की रचना  “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”

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