Teri Yaad- Hindi poetry on love and Missing someone

by | Dec 9, 2019 | LOVE, MISSING SOMEONE | 0 comments

प्यार और किसी को याद करने पर हिंदी कविता

तेरी याद

मैंने घर बदला और
वो गलियाँ  भी 
फिर भी  तेरी याद 
अपने संग
 इस नए घर में ले आया 

एक मौसम पार कर
मैं फिर खड़ी हूँ, 
उसी मौसम की दस्तक पर, 
वही गुनगुनाती ठंड 
और हलकी धुंध,
जिसमे कभी तू मुझे 
आधी रात मिलने आया 

वो एक पल में मेरा
 बेख़ौफ़ हो 
कुछ भी कह जाना ,
और फिर तुझे अजनबी जान
 कसमसा जाना ,
कितनी दफा मैंने खुद को 
इसी कश्मकश में उलझा पाया 

फिर यूं  लगने लगा 
जैसे तू मेरा ही तो था ,
कब से, 
बस रूबरू आज हुआ ,
शायद कुछ अधूरा रह गया था   
जो मुकम्मल आज हो पाया 

तेरी खुशियों के दायरे
 में मैंने कोई रुकावटें न की 
मोहब्बत करती थी तुझसे 
इसलिए तेरे सपने को कैद
करने का ख्याल भी
दिल में न आया

यूं ही चलता रहा ये सिलसिला
एक नए मौसम की
आहट तक
जिसके बाद तू कभी
नज़र नहीं आया

मैंने घर बदला और
वो गलियाँ  भी 
फिर भी  तेरी याद 
अपने संग 
इस नए घर में ले आया

आज फिर उसी मौसम
की दस्तक है
और मैं छत पर कुछ कपडें
धूप दिखाने बैठी हूँ
और  तेरा कुछ सामान मैंने
अपने सामान में पाया

बहुत रोका  मगर
फिर भी
बीतें कल को दोहरा
रही हूँ
कपड़ो की खुशबू तो निकल जाएगी
 पर तेरी यादों की महक से मैंने
ये घर भी भरा पाया

बहुत मुश्किल है
दिल से जिया कुछ भी
भुला पाना
मैं ढीढ था  इन यादों
सा ही
जो जगह बदल के भी
पुराना कुछ भी  न भुला पाया
और तेरी याद  अपने संग
इस नए घर में ले आया

मैंने घर बदला और
वो गलियाँ  भी 
फिर भी  तेरी याद 
अपने संग 
इस नए घर में ले आया 

 अर्चना की रचना  “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”  

0 Comments

Submit a Comment

Pin It on Pinterest

Share This

Share this post with your friends!