Mera Swarth aur uska samarpan- Hindi Patriotic Poetry on soldier and his sacrifices

सैनिक और उनके बलिदानों पर हिंदी देशभक्ति कविता मेरा स्वार्थ  और उसका समर्पण  मैनें पूछा के फिर कब आओगे, उसने कहा मालूम नहींएक डर  हमेशा रहता है , जब वो कहता है मालूम नहीं चंद घडियॉ ही साथ जिए हम , उसके आगे मालूम नहींवो इस धरती का पहरेदार है, जिसे और कोई रिश्ता मालूम नहीं उसके रग रग में बसा … Continue reading Mera Swarth aur uska samarpan- Hindi Patriotic Poetry on soldier and his sacrifices