माँ और बच्चे के प्रेम पर आधारित हिंदी कविता आँखों का नूर कल उस बात को एक साल हो गया वख्त नाराज़ था मुझसे न जाने कैसे मेहरबान हो गया मेरी धड़कन में आ बसा तू ये कैसा कमाल हो गया कल उस बात को एक साल हो गया रोज़ दुआ भी पढ़ी और आदतें भी बदली सिर्फ तेरी सलामती की चाहत रखना...
Aankho ka Noor A Hindi poetry On Mother and child love
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