जीवन पर आधारित हिंदी कविता रुख्सत ये जो लोग मेरी मौत पर आज चर्चा फरमा रहे हैं ऊपर से अफ़सोस जदा हैं पर अन्दर से सिर्फ एक रस्म निभा रहे हैं मैं क्यों मरा कैसे मरा क्या रहा कारन मरने का पूछ पूछ के बेवजह की फिक्र जता रहे हैं मैं अभी जिंदा हो जाऊँ तो कितने...
Hindi poetry
SATIRE
Taj Mahal Hindi poetry satire on Eternal love
अन्नत अविनाशी प्रेम पर हिंदी कविता व्यंग्य ताज महल नाकाम मोहब्बत की निशानी ताज महल ज़रूरी है जो लोगो को ये बतलाये के मोहब्बत का कीमती होना नहीं बल्कि दिलों का वाबस्ता होना ज़रूरी है दे कर संगमरमर की कब्रगाह कोई दुनिया को ये जतला गया के मरने के बाद भी ...
Haye re Cheen Hindi poetry satire on pandemic
हिंदी कविता व्यंग्य हाय रे चीन (कोरोना और चाइना ) हाय रे चीन चैन लिया तूने सबका छीन कुछ भी न बचा तुझसे ऐसा जो न खाया तूने बीन बीन हाय तू कैसा शौक़ीन सारी दुनिया को दे के Covid 19 कर दिया तूने शक्तिहीन जब वो रो रही बिलख रही तब तू बन ने चला महा महीम हाय रे...
Ishq ka razinama A satire on love
प्रेम पर आधारित एक व्यंग्य इश्क का राज़ीनामा काश इश्क करने से पहले भी एक राज़ीनामा ज़रूरी हो जाये जो कोई तोड़े तो हो ऐसा जुर्माना जो सबकी जेबों पर भारी हो जाये फिर देखो बेवज़ह दिल न फिसला करेंगे इश्क की गलियों से बच- बच निकला करेंगे वो ही पड़ेगा इसके चक्करों में, जो...
Hindi Hum tujhse sharminda hai- Hindi Poetry On Our Mother Tongue Hindi
हिंदी कविता मात्र भाषा हिंदी पर हिंदी हम तुझसे शर्मिंदा हैं आज कल ओझल हो गयी है हिंदी एसे महिलाओं के माथे से बिंदी जैसेकभी जो थोड़ा बहुत कह सुन लेते थे लोगअब उनकी शान में दाग हो हिंदी जैसेलगा है चसका जब से लोगों अंगरेजियत अपनाने काअपने संस्कारों को दे दी हो...
Imaratein Inspirational Hindi Poetry Satire
इमारतें हिंदी कविता व्यंग्य इन बड़ी इमारतों में जो लोगे रहते हैं बहुत कुछ देख कर भी खामोश रहते हैं अगले घर में क्या हुआ क्या नहीं उसकी फिक्र इनको सिर्फ gossiping तक है वरना ये अपने काम से काम रखते हैं किसी ने पुकारा भी हो तो सिर्फ बंद दरवाज़ों के झरोखे से...
Udhar Ki zindagi- Hindi Poetry Satire
हिंदी कविता व्यंग्य उधार की ज़िन्दगी (एक व्यंग्य) आओ दिखाऊं तुम्हें अपनी चमचमाती कारजिस के लिए ले रखा है मैंने उधार दिखावे और प्रतिस्पर्धा में घिर चूका हूँ ऐसे समझ में नहीं आता कब कहा और कैसे किसी के पास कुछ देख के लेने की ज़िद्द करता हूँ एक बच्चे...
Kalyug- Hindi poetry On today’s Life
हिंदी कविता आज के जीवन पर कलयुग राम चंद्र कह गए सिया सेऐसा कलयुग आएगाहंस चुगेगा दाना तुनकाकौवा मोती खायेगा जहाँ माँ के प्रेम की पराकाष्ठाभ्रूण परिक्षण तय करवाएगाऔर वंश बढ़ाने की खातिरबेटी का गाला घोंटा जायेगाराम चंद्र कह गए सिया...
Main Badnam- Hindi poetry on human nature
मानव स्वभाव पर हिंदी कविता मैं बदनाम ऐसा क्या है जो तुम मुझसेकहने में डरते होपर मेरे पीछे मेरी बातें करते होमैं जो कह दूँ कुछ तुमसेतुम उसमें तीन से पांचगढ़ते होऔर उसे चटकारे ले करदूसरों से साँझा करते हो मैं तो हूँ खुली किताबबेहद हिम्मती और...
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