“मेरे श्री राम वापस आये हैं”
दीपावली पर अध्यात्मिक कविता
देखो चुनौतियों को पछाड़ ,श्री राम वापस आये हैं ,
रौशन कर दो घर का का हर चराग़
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
थी चौदह बरस लम्बी अमावस की रात ,
पर सबने जला रखे थे
जिनकी राहों में दीप हज़ार ,
वो श्री राम वापस आये हैं ,
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
सब सुख छूटा – घर भी छूटा,
पर भाई- भाई का साथ न छूटा,
वो लक्ष्मण भी संग आये हैं ,
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
जिसके विरह को तरसे ,
जिसे लाने शत्रु सेना पर
जम कर बरसे ,
वो जनक सुता भी संग लाये हैं ,
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
जिनकी भक्ति की कोई तुलना नहीं ,
और मन में श्री राम के सिवा
कोई प्रतिमा नहीं ,
वो अंजनी पुत्र भी संग आये हैं ,
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
देखो ये शुभ घड़ी , वर्षों बाद आयी है,
एक तरफ सीता , दूसरी तरफ लक्ष्मण से भाई हैं,
श्री हनुमंत ने सँवारे जिनके बिगड़े काम
वो श्री राम वापस आये हैं ,
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
देव हो के भी साधारण रहना ,
जग को ऐसा एक उदहारण देना ,
कि बुरे समय में भी रहना आशावान
वो श्री राम वापस आये हैं,
मेरे श्री राम वापस आये हैं |
चलो ये दीपावली हम
प्रभु श्री राम के संग मानते हैं ,
और भोग विलास छोड़ किसी
रोते बच्चे को हँसाते हैं ,
जिनसे समझा ये छोटा सा ज्ञान
वो मिल कर बोलो “जय श्री राम” ….
देखो चुनौतियों को पछाड़
मेरे श्री राम वापस आये हैं ,
रोशन कर दो घर का हर चराग़ ,
मेरे श्री राम वापस आये हैं ….
अर्चना की रचना ” सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास ”
https://archanakirachna.com/niyati-ka-khel-hindi-inspirational-poetry-on-struggle-of-life/
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