durgaashtami-par-hindi-kavita-wo-ladkiyaan दुर्गा अष्टमी पर हिंदी कविता "वो लड़कियाँ " वो लड़कियाँ जो दिल खोल कर बात करती हैं, अपनी ज़िन्दगी का सही-गलत खुद चुनती हैं | तुम उनका चरित्र उनकी बेबाक़ी से तौल देते हो , बहुत कुछ अच्छा -बुरा उनके दामन से जोड़ देते हो | ...
Hindi poetry
WOMEN EMPOWERMENT
bandishein Hindi poetry on women empowerment
नारी सशक्तिकरण पर हिंदी कविता बंदिशें "इस तन पर सजती दो आँखें बोलो किस से ज्यादा प्रेम करोगे, काटना चाहो अपना एक हाथ तो बोलो किस हाथ को चुनोगे " कुछ ऐसा ही होता है बेटी का जीवन सब कहते उसे पराया धन बचपन से ही सीखा दिए जाते हैं बंदिश में रहने के सारे फ़न एक कोख एक...
aaj ki nari Hindi poetry on Women empowerment
महिला सशक्तिकरण पर हिंदी कविता आज की नारी मैं आज की नारी हूँ न अबला न बेचारी हूँ कोई विशिष्ठ स्थान न मिले चलता है फिर भी आत्म सम्मान बना रहा ये कामना दिल रखता है न ही खेला कभी women कार्ड मुश्किलें आयी हो चाहे हज़ार फिर भी कोई मेरी आवाज़ में आवाज़ मिलाये तो...
kyon A Hindi poetry on International women day
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हिंदी कविता क्यों क्यों एक बेटी की विदाई तक ही एक पिता उसका जवाबदार है ? क्यों किस्मत के सहारे छोड़ कर उसको कोई न ज़िम्मेदार है? क्यों घर बैठे एक निकम्मे लड़के पर वंश का दामोदर है ? क्यों भीड़ चीरती अपना आप खुद लिखती एक बेटी का न कोई...
shivanshi A Hindi poetry illustrating life of river and woman
नदी और स्त्री जीवन को दर्शाती हिंदी कविता शिवांशी मैं शिवांशी , जल की धार बन शांत , निश्चल और धवल सी शिव जटाओं से बह चली हूँ अपने मार्ग खुद ढूँढती और बनाती आत्मबल से भरपूर खुद अपना ही साथ लिए बह चली हूँ कभी किसी कमंडल में पूजन को ठहर गई हूँ कभी नदिया बन...
mere jaisi main A thoughtful Hindi poetry on woman
नारी पर आधारित एक विचारणीय हिंदी कविता मेरे जैसी मैं मैं कहाँ मेरे जैसी रह गयी हूँ वख्त ने बदल दिया बहुत कुछ मैं कोमलांगना से काठ जैसी हो गई हूँ मैं कहाँ मेरे जैसी रह गयी हूँ समय के साथ बदलती विचारधारा ने मेरे कोमल स्वरुप को एक किवाड़ के पीछे बंद तो कर दिया...
Laadli- Hindi Poetry on women empowerment/ Daughters/ save Girl child
महिला सशक्तिकरण / बेटी / बेटी बचाओ पर हिंदी कविता लाडली मैं बेटी हूँ नसीबवालो के घर जनम पाती हूँकहीं "लाडली" तो कहीं उदासी का सबब बन जाती हूँ नाज़ुक से कंधो पे होता है बोझ बचपन से कहीं मर्यादा और समाज के...
Nari Hona Accha Hai- Hindi Poetry On Women empowerment/save girl
महिला सशक्तिकरण / बेटी बचाओ पर हिंदी कविता नारी होना अच्छा है नारी होना अच्छा है पर उतना आसान नहींमेरी ना मानो तो इतिहास गवाह है किस किस ने दिया यहाँ बलिदान नहीं जब लाज बचाने को द्रौपदी की खुद मुरलीधर को आना...
Es Baar Ki Navratri- Hindi poetry on woman empowerment/Durga Pooja/save girl
महिला सशक्तिकरण / दुर्गा पूजा / बेटी बचाओ पर हिंदी कविता इस बार की नवरात्री इस बार घट स्थापना वो ही करेजिसने कोई बेटी रुलायी न होवरना बंद करो ये ढोंग नव दिन देवी पूजने का जब तुमको किसी बेटी की चिंता सतायी न हो सम्मान,प्रतिष्ठा और वंश...
FOLLOW US