मानव प्रकृति पर हिंदी कविता " पथिक " की " प्रकृति " मेरी छाँव मे जो भी पथिक आयाथोडी देर ठहरा और सुस्ताया मेरा मन पुलकित हुआ हर्षायामैं उसकी आवभगत में झूम झूम लहराया मिला जो चैन उसको दो पल मेरी पनाहो मेंउसे देख मैं खुद पर...
Hindi poetry
NATURE
Main Hoon Neer- Hindi poetry on global warming/water crises/nature
ग्लोबल वार्मिंग / जल संकट / प्रकृति पर हिंदी कविता मैं हूँ नीर मैं हूँ नीर, आज की समस्या गंभीरमैं सुनाने को अपनी मनोवेदनाहूँ बहुत अधीर , मैं हूँ नीर जब मैं निकली श्री शिव की जटाओं से ,मैं थी धवल, मैं थी निश्चलमुझे माना तुमने अति पवित्रमैं खलखल बहती जा रही...
Mujhme bhi jeevan hai Hindi poetry to save animals
हिंदी कविता जानवरों के प्रति दयालु होने के लिए / जानवरों को बचाने के लिए मुझमे भी जीवन है हाँ मैं तुम जैसा नहींतो क्या हुआ ?मुझमे भी जीवन हैमुझे क्यों आहत करते हो ?? हमें संज्ञा दे कर पशुओं कीखुद पशुओं से कृत्य करते हो कल जब तुम ले जा रहे थेमेरी माँ कोमैं...
Main Badnam- Hindi poetry on human nature
मानव स्वभाव पर हिंदी कविता मैं बदनाम ऐसा क्या है जो तुम मुझसेकहने में डरते होपर मेरे पीछे मेरी बातें करते होमैं जो कह दूँ कुछ तुमसेतुम उसमें तीन से पांचगढ़ते होऔर उसे चटकारे ले करदूसरों से साँझा करते हो मैं तो हूँ खुली किताबबेहद हिम्मती और...
Main Samundar Hoon- Hindi poetry on human nature and environment
प्रकृति और मानव दर्शन पर हिंदी कविता मैं समंदर हूँ मैं समंदर हूँऊपर से हाहाकार पर भीतर अपनी मौज़ों में मस्त हूँ मैं समंदर हूँ दूर से देखोगे तो मुझमें उतर चढ़ाव पाओगेपर अंदर से मुझेशांत पाओगे मैं निरंतर बहते रहने में व्यस्त हूँमैं...
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