प्रकृति और मानव दर्शन पर हिंदी कविता मैं समंदर हूँ मैं समंदर हूँऊपर से हाहाकार पर भीतर अपनी मौज़ों में मस्त हूँ मैं समंदर हूँ दूर से देखोगे तो मुझमें उतर चढ़ाव पाओगेपर अंदर से मुझेशांत पाओगे मैं निरंतर बहते रहने में व्यस्त हूँमैं...
Main Samundar Hoon- Hindi poetry on human nature and environment
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