Zindagi ka kayda Hindi Kavita

by | Oct 6, 2022 | INSPIRATIONAL, Inspirational Hindi Poetry, LIFE | 0 comments

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“ज़िन्दगी का कायदा ” हिंदी कविता 

कुछ भी मामूली सा न मिले और ज़िन्दगी मुहाल हो जाये,

हो दिल में सवाल गहरे , पूँछ लूँ , तो बवाल हो जाये | 

हर रोज़ बे – सिर – पैर  सी नज़र आती है ज़िन्दगी,

पता चले कि , शुरू कहाँ से करूँ? तो कमाल हो जाये | 

बहुत शौक था हमें, खास चीज़ों से , घर को सजाने का,

क्या करे कोई? जब अपनी ही पसंद,  एक सवाल हो जाये| 

एतबार का बवंडर, एक ख्वाब से, बहुत पीछे ले गया,

दोबारा ये गलती करूँ , मेरी ये मजाल  हो जाये | 

बहुत वख्त लगा के,  ज़िन्दगी का कायदा, कुछ  समझ आया,

मसरूफ या मशहूर हो कर के जीता हूँ , जो दर्द  के लिए एक मिसाल हो जाये| 

कोई शर्मिंदा करता था, कोई नज़र चुराता था ,

अब सोचता है,  मुलाक़ात किसी, सूरत –  ए – हाल हो जाये  …….

अर्चना की रचना ” सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास ” 

 

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