मतलबी दोस्ती पर आधारित हिंदी कविता मतलब की धूल वख्त की तेज़ धूप ने सब ज़ाहिर कर दिया है खरे सोने पर ऐसी बिखरी की उसकी चमक को काफ़ूर कर दिया है जब तक दाना डालते रहे चिड़िया उन्हें चुगती रही हुए जब हाथ खाली तो उसकी चोंच ने ज़ख़्मी कर दिया है जब तक मेज़बान थे घर में रौनक...
matlab ki dhool A Hindi poetry Friends of benefits
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