Taj Mahal Hindi poetry satire on Eternal love

by | Apr 20, 2020 | LOVE, SATIRE | 0 comments

Hindi poetry satire on eternal love   - ताज महल >  अर्चना की रचना
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अन्नत अविनाशी प्रेम पर हिंदी कविता व्यंग्य 

 

ताज महल 

 

नाकाम मोहब्बत की निशानी 

ताज महल ज़रूरी है 

जो लोगो को ये बतलाये के  

मोहब्बत का कीमती होना नहीं 

बल्कि दिलों का वाबस्ता होना ज़रूरी है 

दे कर संगमरमर की कब्रगाह

कोई दुनिया को ये जतला  गया 

के मरने के बाद भी 

मोहब्बत का सांस लेते रहना ज़रूरी है 

वो लोग और थे  शायद, जो

तैरना न आता हो तो भी 

दरिया में डूब जाते थे 

मौत बेहतर लगी उनको शायद 

क्योंकि महबूब का दीदार होना ज़रूरी है 

मरते मर गए पर खुद को 

किसी और का होने न दिया 

चोट उसको लगे और छाले

दिलबर के हाथों पे हो 

ऐसी  मोहब्बत पे फ़ना होना ज़रूरी है 

कैद होकर यूं ताजमहल की 

सुन्दर नक्काशी में 

मुमताज़ महल आज भी सोचती होगी 

के सच्ची मोहब्बत का संगमरमर होना  नहीं 

बल्कि मिसाल बन कर मशहूर होना ज़रूरी है ….

अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”

Sirf Tumahari- Hindi Poetry On feelings in love

 

 

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