मानव स्वभाव पर हिंदी कविता मैं बदनाम ऐसा क्या है जो तुम मुझसेकहने में डरते होपर मेरे पीछे मेरी बातें करते होमैं जो कह दूँ कुछ तुमसेतुम उसमें तीन से पांचगढ़ते होऔर उसे चटकारे ले करदूसरों से साँझा करते हो मैं तो हूँ खुली किताबबेहद हिम्मती और...
Hindi poetry
LIFE
Chikne Ghade Hindi poetry on life and hypocrisy
जीवन और पाखंड पर हिंदी कविता " चिकने घड़े" कुछ भी कह लोकुछ भी कर लोसब तुम पर से जाये फिसलक्योंकि तुम हो चिकने घड़ेबेशर्म बेहया और कहने कोहो रुतबे में बड़ेउफ्फ ये चिकने घड़े बस दूसरों का ऐब ही देखता तुमकोअपनी खामियां न दिखती तुमकोपता नहीं कैसे...
Zindagi ka Upkar- Hindi poetry On life
हिंदी कविता जीवन पर ज़िन्दगी का उपकार अपने कल की चिंता मेंमैं आज को जीना भूल गयाज़िन्दगी बहुत खूबसूरत हैमैं उसको जीना भूल गयाखूब गवाया मैंने चिंता करकेजो मुझे नहीं मिला उसका गम कर केअपने कल की चिंता मेंमैं अपनी चिंता भूल...
Sapne Hindi poetry On Dreams
सपनों पर हिंदी कविता सपने सपने हमें न जानेक्या क्या दिखा जाते हैंहमें नींदों में न जानेकैसे कैसे अनुभव करा जाते हैं कभी कोई सपना यादरह जाता है अक्सरकभी लगता है ये जोअभी हुआ वो देखा साहै कही परसिर्फ एक धुंधली तस्वीरसे नज़र आते हैंसपने हमें न...
Kiraye Ka Makan- Hindi poetry on sentiments and attachment
भावनाओं पर हिंदी कविता किराये का मकान बात उन दिनों की हैजब बचपन में घरोंदा बनाते थेउसे खूब प्यार से सजाते थेकही ढेर न हो जायेआंधी और तूफानों मेंउसके आगे पक्की दीवारबनाते थे वख्त गुज़रा पर खेल वहीअब भी ज़ारी हैबचपन में बनाया घरोंदाआज भी ज़ेहन पे हावी है घर से निकला...
Chidyaa Ka Safar- Hindi Poetry On life struggle
हिंदी कविता जीवन संघर्ष पर चिड़ियाँ का सफर एक चिड़ियाँ जब अपना घोंसला बनाती हैन जाने कितनी मुश्किलें उठाती है भटकती रहती है उस शाख की तलाश मेंजिसकी जड़ें कच्ची न होबनाना हो घोसला जिस डाल परउस पेड़ की नींव अधपक्की न होबस यही सोच उड़ती रहती हैवो उस शाख...
Kuch Dil Ki Suni Jaye- Hindi Poetry on Ignored Desires
उपेक्षित इच्छाओं पर हिंदी कविता कुछ दिल की सुनी जाये चलो रस्मों रिवाज़ों को लांघ करकुछ दिल की सुनी जाये कुछ मन की करी जाये एक लिस्ट बनाते हैं अधूरी कुछ आशाओं कीउस लिस्ट की हर ख्वाहिश एक एक कर पूरी की जाये कुछ दिल की सुनी...
Hindi poetry on Expectations
अपेक्षाओं पर हिंदी कविता उमीदों का खेल क्या ज़्यादा बोझिल हैजब कोई पास न होया कोई पास हो के भीपास न हो ? कोई दिल को समझा लेता हैक्योंकि,उसका कोई अपनाहै ही नहींपर कोई ये भुलाये कैसेजब उसका कोई अपनासाथ हो के भी साथ न हो जहाँ चारो ओर चेहरोंकी भीड़...
Badla Hua Main- Hindi classic poetry On Philosophy
मानव दर्शन पर हिंदी कविता बदला हुआ मैं जब भी अपने भीतर झांकता हूँखुद को पहचान नहीं पाता हूँये मुझ में नया नया सा क्या है ? जो मैं कल था , आज वो बिलकुल नहींमेरा वख्त बदल गया , या बदलाअपनों ने हीमेरा बीता कल मुझे अब पहचानता, क्या है ? मन में हैं ढेरो...
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