Sapne Hindi poetry On Dreams

by | Dec 10, 2019 | LIFE | 0 comments

सपनों पर हिंदी कविता

सपने 

सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं
हमें नींदों में न जाने
कैसे कैसे अनुभव 
करा जाते हैं

कभी कोई सपना याद
रह जाता है अक्सर
कभी लगता है ये जो
अभी  हुआ वो देखा सा
है कही पर
सिर्फ एक धुंधली तस्वीर
से नज़र आते हैं
सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं

कुछ सपने सजीले
और विरले भी होते हैं
जो एक अनोखी  दुनिया में
ले जाते हैं
न होता लेना देना जिनसे
कभी उनसे मिलवा जाते हैं
सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं

कभी जो अपना बिछड़ गया
जिस से कुछ कहना
सुनना रह गया
उन का  कुछ
घडी साथ  करा जाते हैं
सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं

सब को सब कुछ
नहीं मिलता यहाँ
किसी ने कुछ भी
मुकम्मल न पाया यहाँ
कभी किसी ऐसी ही
आरज़ू से रूबरू करवा जाते हैं
सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं

लोग कहते हैं  के
भोर का सपना सपना सच होता है
पर कभी कभी  सपना भयानक
भी  होता है
ऐसे सपने बीच नींद उठा
कमरे की लाइटे जलवा जाते हैं
सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं

कुछ सपने पुरे भी होते हैं
कुछ अधूरे हीभले लगते हैं
कुछ दिल को खुश कर जाते हैं
कुछ आपका तकिया गिलाकर जाते हैं
सपने हमें न जाने
क्या क्या दिखा जाते हैं
हमें नींदों में न जाने
कैसे कैसे अनुभव करा जाते हैं

अर्चना की रचना  “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास” 

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