हिंदी कविता अपने प्रशंसकों को धन्यवाद कहने के लिए
धन्यवाद्
मेरी रचना व मेरी मेरी शब्द
अब रहे नहीं सिर्फ मुझ तक
अब इन में बसा आपका प्यार
और आशीर्वाद
के मैं जो भी लिखती हूँ
आप बना देते हैं उसे खास
मेरी प्रशंसा में कुछ लिख कर
आपने मेरी कलम का मान बढ़ाया
अवगुण तो बहुत हैं मुझमें
आपने मेरे गुण से मेरा
परिचय करवाया
मेरा भी ये वादा है
मैं सदा करती रहूंगी
कुछ अच्छा लिखने
का प्रयास
जिसे बना दिया आप सब ने खास
बिन आपकी सराहना और
प्यार के मैं कुछ भी नहीं
मेरी प्रेरणा आप सब हैं
ये मेरे लिए किसी
दौलत से कम नहीं
मुझे क्षमा कर देना
अगर मैंने पहुंचाया हो
किसी की भावना को आघात
मेरी कविता सिर्फ एक प्रेरणा
मात्र है
वो नहीं है किसी पर परिहास
जिसे बना दिया आप सबने खास
आपका सब का सहृदय
करती हूँ धन्यवाद
आपसे मिला “अर्चना की रचना”
को इतना बड़ा परिवार
इतने स्नेह का मुझे तनिक
भी नहीं था आभास
अब से आप सब
हो मेरे लिए बहुत खास
क्योंकि अपने बनाया
“अर्चना की रचना” को खास
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”
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