Manmarziyaan- Hindi poetry on love and romance

by | Dec 10, 2019 | LOVE, MISSING SOMEONE, RELATIONSHIPS, SENTIMENTS | 0 comments

प्यार और रोमांस पर हिंदी कविता

मनमर्ज़ियाँ

चलो थोड़ी मनमर्ज़ियाँ करते  हैं
पंख लगा कही उड़ आते हैं

यूँ तो ज़रूरतें रास्ता रोके रखेंगी हमेशा
पर उन ज़रूरतों को पीछे छोड़
थोड़ा चादर के बाहर पैर फैलाते हैं
पंख लगा कही उड़ आते हैं

ये जो शर्मों हया  का बंधन
बेड़ियाँ बन रोक लेता है
मेरी परवाज़ों को
चलो उसे सागर में कही डूबा आते हैं
पंख लगा कही उड़ आते हैं

कुछ मुझको तुमसे कहना है ज़रूर
कुछ तुमसे दिल थामे सुनना  है ज़रूर
खुल्लमखुल्ला तुम्हे बाँहों में भर
अपनी धड़कने सुनाते हैं
पंख लगा कही उड़ आते हैं

लम्हा लम्हा कीमती है इस पल में
कल न जाने क्या हो मेरे कल में
अभी इस पल को और भी खुशनसीब
बनाते हैं
तारों की चादर ओढ़  कुछ गुस्ताखियाँ
फरमाते हैं
पंख लगा कही उड़ आते हैं

ये समंदर की लहरें , ये चाँद, ये नज़ारें
इन्हे अपनी यादों में बसा लाते हैं
थोड़ा बेधड़क हो जी आते हैं
पंख लगा कही उड़ आते हैं
चलो थोड़ी मनमर्ज़ियाँ करते  हैं …

अर्चना की रचना  “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”

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