Tumahra intazar Hindi poetry on hope

by | Sep 13, 2020 | LIFE, LOVE, SENTIMENTS | 0 comments

Hindi poetry on hope  - तुम्हारा इंतज़ार > अर्चना की रचना
  • Facebook
  • Twitter
  • Pinterest

आशा पर आधारित हिंदी कविता 

तुम्हारा इंतजार 

 
लहरें होकर अपने सागर से आज़ाद
तेज़ दौड़ती हुई समुद्र तट को आती हैं ,
नहीं देखती जब सागर को पीछे आता
तो घबरा कर सागर को लौट जाती हैं ,
 
कुछ ऐसा था मेरा प्यार
खुद से ज्यादा था उसपे विश्वास,
के मुझसे परे, जहाँ कही भी वो जायेगा
फिर लौट कर मुझ तक ही आएगा ,
 
इंतजार कैसा भी हो सिर्फ
सब्र और आस का दामन थामे ही कट पाता है ,
क्या ख़ुशी क्या गम , दोनों ही सूरतों में
पल पल गिनना मुश्किल हो जाता है ,
 
आज जीवन के इस तट पर मैं
आस लगाये बैठी हूँ
सागर से सीख रही हूँ इंतजार करना
और ढलते सूरज के साथ पक्षियों का घर लौट आना देख रही हूँ…
 
अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास “
 
 
 

0 Comments

Submit a Comment

Pin It on Pinterest

Share This

Share this post with your friends!